आंगनबाड़ी कर्मचारियों ने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से की मुलाकात, मानदेय बढ़ोतरी और अन्य लाभों की मांग की

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से किया मानदेय बढ़ाने की मांग

नई दिल्ली, 8 अगस्त 2024: अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संगठन की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशीला खत्री के नेतृत्व में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी से मुलाकात कर मानदेय बढ़ाने और अन्य लाभों की मांग उठाई। नई दिल्ली में मंत्री के आवास पर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में विभिन्न राज्यों से आए प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल थे, जिन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री बनने पर उन्हें बधाई दी और अपनी समस्याओं का ज्ञापन सौंपा।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगें:

  • मानदेय में बढ़ोतरी: पिछले 6 वर्षों से लंबित मानदेय वृद्धि को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग।
  • सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन: 25 अप्रैल 2022 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी माना जाए और उन्हें ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत लाभ दिया जाए।
  • रिटायरमेंट धनराशि: आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के रिटायरमेंट के समय कम से कम 10 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की जाए।
  • श्रम कानून के तहत लाभ: ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि, और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग।
  • संगठन का आभार और अगली योजनाएं: इस मौके पर संगठन ने उन राज्यों का आभार व्यक्त किया, जहां मिनी आंगनबाड़ी का उच्चीकरण करने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही, उन्होंने जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को सभी राज्यों में जल्द से जल्द लागू किया जाए। संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि वे इस मुद्दे को प्राथमिकता से देखें और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्याओं का समाधान करें।

प्रदेश के प्रतिनिधियों की भागीदारी:

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के सांसद जगदंबिका पाल से भी प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की और उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। इस बैठक में उत्तराखंड की सुशीला खत्री, हिमाचल प्रदेश की सुभद्रा ठाकुर, महाराष्ट्र की संध्या रानी, बिहार की गीता देवी, गुजरात की चंपा बेन, मध्य प्रदेश की निधि शर्मा, झारखंड के अशोक कुमार समेत कई राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की यह आवाज अब पहले से कहीं ज्यादा बुलंद हो गई है, और उनकी मांगें न केवल उन्हें, बल्कि देशभर के बच्चों और परिवारों को भी सशक्त करेंगी।

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