आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाएं,धात्री महिलाएं किशोरी बालिका व 0 से 6 साल तक के बच्चों के विकास में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है। लेकिन आज हम आंगनबाड़ी केंद्र से गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली उन सभी सेवाओं के बारे में जानेंगे, जो एक गर्भवती महिला को अपने गर्भधारण का पता चलने से लेकर उसकी बच्चे की डिलीवरी होने के बाद तक दिये जाते हैं। तों आइए उन लाभ के बारे में एक एक करके जानते हैं:-
आंगनबाड़ी एक सरकारी संगठन है, जिन्हें भारत देश के गांव और शहरों में स्थापित किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र मुख्यतः महिलाओं, किशोरी बालिकाओं, और शिशुओं (6माह के बच्चे) व उनकी माताओं के साथ साथ जब तक बच्चा 6 साल का नहीं हो जाता, तब तक विकास की संपूर्ण जिम्मेदारी निभाता है।
आंगनबाड़ी केंद्र की स्थापना 2 अक्टूबर 1975 को भारत सरकार के द्वारा “ग्रामीण आदर्श योजना के तहत” की गई थी। इस योजना को श्रीमती इंदिरा गांधी जी के द्वारा लागू किया गया था। तब से लेकर अब तक भारत देश में लगभग 14 लाख से भी अधिक आंगनबाड़ी केंद्र सुचारू रूप से चल रहे हैं, और महिला एवं बच्चों के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्र से गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सभी सेवाएं निम्न है
सर्वप्रथम जब गर्भवती महिला को अपने गर्भधारण का पता चलते ही उसे तुरंत अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र जाकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या एएनएम से संपर्क कर लेना चाहिए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन करने के बाद। आंगनवाड़ी केन्द्र से गर्भवती महिलाओं को समय समय पर विभिन्न प्रकार की सेवाएं मिलती है अर्थात विभिन्न फायदे मिलना शुरू हो जाती है, जैसे:- पूरक पोषाहार, स्वास्थ्य जांच, परामर्श, टीकाकरण, आदि अन्य प्रकार की विभिन्न सेवाएं मिलती है।
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पोषाहार(Nutrition)
पोषाहार में हम आपको बता रहे हैं, कि गर्भवती महिला को आंगनवाड़ी में क्या-क्या पोषाहार मिलता है व कितना राशन मिलता है, इसको हमने 3 भागों में बांटा है, और वर्तमान 2024 में जो पोषाहार दिया जा रहा है,उसको हमने 3 नम्बर पर बताया है:-
1. महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन समेकित बाल विकास सेवाओं के अंतर्गत पूरक पोषक की आपूर्ति एवं वितरण हेतु खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू किया गया था। इसकी पालना सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार के द्वारा पूरक पोषाहार नियमावली 2015 एवं 2017 जारी की गई थी। इस अधिनियम के तहत गर्भवती महिलाओं को 1 वर्ष में 300 दिन गुणवत्तापूर्ण व सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर पोषाहार उपलब्ध करवाया जाता है।
कैलोरी (kg) | 600 |
प्रोटीन (gm) | 18-20 |
भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर | 9.50 |
मासिक प्रावधान (रू.में) | 237.50 |
सामग्री | मात्र (ग्राम में) |
गेहूं | 1500 |
चावल | 1500 |
चना दाल | 3000 |
कुल | 6000 |
3. व वर्तमान में अब 2024 में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं को हर महीने निम्न पोषाहार प्रदान किया जा रहा है
पोषाहार का नाम | पैकेट में मात्रा |
फोर्टीफाइड न्यूट्री मीठा दलिया | 1.400 |
फोर्टीफाइड मूंग दाल चावल खिचड़ी | 1.400 |
फोर्टीफाइड सादा गेहूं दलिए | 0.700 |
टीकाकरण (प्रतिरक्षण) Vaccination
आंगनबाड़ी केदो पर पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रतिरक्षण टीकाकरण की सेवा प्रदान की जाती है। जिसमें गर्भवती महिलाओं को टी टी व टी टी बूस्टर का टीका लगाया जाता है। टीकाकरण का पूरा विवरण गर्भवती ममता कार्ड में रखा जाता है, जो महिला को दिया जाता है।गर्भवती महिला का टीकाकरण आंगनबाड़ी केंद्र पर हर महीने के किसी एक गुरुवार को लगाया जाता है व मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस का आयोजन किया जाता है। जिस पर गर्भवती महिला का पंजीयन एवं प्रसव पूर्व जांच कर उसकी वजन वृद्धि एवं आईएफ की गोलियों का वितरण किया जाता है।
आंगनबाड़ी केंद्र पर होती है गर्भवती महिला की नियमित स्वास्थ्य जांच(Health Check Up)
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाती है। गर्भवती महिलाओं के प्रसव पूर्व एवं प्रसव के बाद दोनों समय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से एएनएम या नर्स बहन जी की ओर से समय-समय पर इनके स्वास्थ्य की निगरानी रखी जाती है। व किशोरी बालिकाओं को आईएफएससी की गोलियों का वितरण किया जाता है। व इसके साथ ही प्रत्येक गर्भवती महिला के स्वास्थ्य की जानकारी ममता कार्ड में दर्ज की जाती है और उसे संभाल कर रखा जाता है।
पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा(Nutrition and Health Education)
आंगनवाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत गर्भवती महिलाएं व 15 से 45 वर्ष की आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं को पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की जाती है जिसके अंतर्गत पौष्टिक भोजन बनाने भोजन को सुरक्षित रखने मौसमी बीमारियों से बचाव एवं स्वच्छता एवं खाना-पान की सामग्री के सुरक्षित रखरखाव की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की जाती है। जिससे गर्भवती महिलाएं व उनके गर्भ में पल रहा बच्चा दोनों सुरक्षित रह सके।
गर्भवती महिलाओं को आंगनवाड़ी केन्द्र से मिलता है, अनेकों योजनाओं का लाभ
1. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
2. इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना
3. माता यशोदा पुरस्कार योजना
4. जननी सुरक्षा योजना आदि।
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Q.1 गर्भवती महिला को आंगनबाड़ी में क्या-क्या राशन मिलता है?
Ans. आंगनबाड़ी केंद्र से गर्भवती महिला को पोषाहार में फोर्टीफाइड न्यूट्री मीठा दलिया 1.400 ग्राम, फोर्टीफाइड मूंग दाल चावल खिचड़ी 1.400 ग्राम, फोर्टीफाइड सादा गेहूं दलिए 0.700 ग्राम आदि राशन दिया जाता है।
Q.2 गर्भवती महिला के लिए आंगनबाड़ी के क्या फायदे हैं?
Anns. आंगनवाड़ी केंद्र से गर्भवती महिला को समय-समय पर आवश्यक निम्न सुविधा दी जाती है:- आवश्यक पोषाहार, टीकाकरण नियमित स्वास्थ्य जांच, वह समय समय पर पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा दी जाती है ताकि गर्भवती महिला में उसके होने वाले बच्चों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो।
Q.3 गर्भवती महिला को डिलीवरी के बाद 6000 रुपए कैसे मिलेगा?
Ans. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहली बार गर्भधारण करने पर महिला को ₹5000 की राशि वह दूसरे बच्चे पर महिला को ₹6000 का लाभ दिया जाता है, लेकिन शर्त यह है की दूसरा बच्चा लड़की होना चाहिए। तब जाकर डिलीवरी के बाद ₹6000 मिलेगा।
Q.4 पहला बच्चा होने के बाद कितने पैसे मिलते हैं?
Ans. पहला बच्चा होने के बाद गर्भवती महिला को 5000 रुपए की राशि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत मिलती है जो सीधा उनके खाते में जमा करवा दी जाती है।
Q.5 जननी सुरक्षा योजना में कितना पैसा दिया जाता है?
Aans. जननी सुरक्षा योजना के तहत गांव में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को 1400 रुपए में शहरों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को 1000 रुपए मिलते हैं।